Activities

Krishi Vigyan Kendra, Kashipur has several activities like conducting frontline demonstration of proven technologies of farmers fields in Agriculture and its allied sectors in order to circulate them at gross root level. KVK has also a mandate to conduct on farm trials (OFT) of technologies at farmers fields and receive feed back from the farmers of their refinement if required. KVK, U.S.Nagar (Kashipur) has successfully implemented various activites directly benefiting the farming community by conducting multifarious extension activities like organizing skill-imparting training programmes, frontline demonstration, on-farm-trials, exhibitions, field days , TSP project etc. with information technology in KVK selected villages.

Training Programme

Training is one of the most important activities of Krishi Vigyan Kendra. Training is planned according to the need of farmers and systematic efforts are made to increase the knowledge, improves the skill and change the attitude of farmers/farm women. Depending upon the need and categories of trainees, Krishi Vigyan Kendra imparts mainly following three types of trainings

(a) Training to the practicing farmers and farm women

(b) Training to the rural youth

(c) Training programme for the extension functionaries

Other Extension Activities

KVK also establishes functional linkages with line department of district and actively participates in joint activites for technology dissemination like exhibitions, field days, seminars, Kisan melas and also contributes in mass media, publishing popular articles and extension literature. It also conducts village surveys for assessing the technological gaps and training needs of farmers, rural youth and farm women and offers technical guidance to needy farmers through field visits for widespread dissemination of technologies and advancement.

KVK, U.S.Nagar (Kashipur) is giving emphasis on cluster demonstration of lentil (PL-8) chick pea, vegetable production technology, nutrition garden, value added soybased product composite culture.

  • Technical advisement for increased productivity, value addition and income generation.
  • To promote growth and advisement of agriculture through scientific interaction with farmers.
  • Lectures in kisan goshthi by the scientist for accelerated movement on emerging issues and new developments in agricultural sciences.
  • Vale addition to agri products.
  • Innovative technologies identification of the region for popularization.
  • Creation of awareness on PPV&FR (Protection of plant varities and farmers right under which under which farmers varities can be protected from any infringement to provide benefits to the farmers.
  • Training proragmmes for farm women and rural youths on post harvest handling and value addition of locally available agriculture products.
  • Technical guidance to fisheries farmers on pond layout, fish seed transportation techniques, maintance of pond and fish processing and value addition.
  • Organization of technology week on Jai Jawan Jai Kisan.
  • Celebration of important days.
  • Organization of Swach Bharat Abhiyan through training and sensitization of farmers through extension activities.

  • अप्रैल, 2016 से जून, 2016

    कृषि विज्ञान केन्द्र, काशीपुर द्वारा माह अप्रैल से जून माह में केन्द्र एवं केन्द्र के बाहर 03 प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 69 प्रशिक्षणार्थीयों ने प्रतिभाग किया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम खाद्य पदार्थ के प्रसंस्करण एवं मूल्यर्वधन, स्वच्छ दुग्ध उत्पादन एवं धान के बीज उपचार विषय पर आयोजित किये गयें।

    केन्द्र के मत्स्य वैज्ञानिक डा0 एस0 के0 शर्मा द्वारा मत्स्य पालन पर तकनीकी मार्ग दर्शन देते हुए 10 प्रदर्शनों का आयोंजन किया गया एवं केन्द्र की गृह वैज्ञानिक डा0 प्रतिभा सिंह द्वारा पोषण वटिका को बढावा देने के उद्देश्य से 50 प्रदर्शन ग्राम ढाकी एवं ग्राम

    बन्नाखेडा में आयोजित किये गये। महिलाओं को पौष्टिक सब्जी उत्पादन एवं प्रतिदिन उपयोग करने हेतु पे्ररित किया गया। आग्रिम पंक्ति प्रदर्शन हेतु 30 कृषको का चयन भिण्डी , मिर्च, बैगन सब्जी के प्रदर्शनो के लिये किया गया।

    कृषि विज्ञान केन्द्र, काशीपुर द्वारा प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के अन्र्तगत एक दिवयीय गोष्ठी का आयोजन किच्छा में किया गया जिसमें माननीय सांसद श्री भगत सिंह कोशियारी जी ने कुषकों को सम्बोधित कर इस योजना के लाभ लेने हेतु जागरुक किया माननीय विद्यायक श्री राजेश शुक्ला जी ने भी प्रधान मंत्री बीमा लाभदायक बताते हुए कृषकों का इसे अपनाने हेतु प्रेरित किया। केन्द्र के प्रभारी अधिकारी डा0 सी0 तिवारी ने इस योजना से कृषकों को अवगत कराया और बताया कि फसल बीमा कृषकों की फसलों से जुडंे जोखिम से होने वाले नुकसान से रक्षा करने का माध्यम है। इसके द्वारा किसानो को अचानक आये आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाती है।

    केन्द्र के वैज्ञानिको द्वारा 5 किसान गोष्ठीयों में प्रगतिभाग किय गया। जिसमें 367 कृषक लाभन्वित हुए। गोष्ठियो का आयोजन एन0 एम0 एम0 ई 0 एच0, किसान विकास क्लब, जिला उद्यान अधिकारी आदि द्वारा किया गया। केन्द्र के वैज्ञानिको द्वारा 95 प्रक्षेत्र भ्रमण जनपद उधमसिंहनगर के ग्रामों में किये गए इसमें 482 कृषक (महिला/पुरुष) लाभान्वित हुए। प्रक्षेत्र भ्रमण छत्तरपुर, बन्नाखेडा,आन्दखेडा, भोगपुर, बिढोश, कुण्ड,ोरा, बीरपुर, दरऊ, खरसामा खानपुर, मेहराजगंज आदि में किया गया।

    केन्द्र के वैज्ञानिको द्वारा दो शोध पत्र प्रकाशित किये गए एवं 10 बार केन्द्र की गतिव्धिियाँ विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई।

    मूगँफली फसल उत्पादन विषय पर ग्राम छत्तरपुर में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन दि0 6.6.16 किया गया। जिसमें पन्तनगर विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डा0 वाई0 पी0 एस0 डाबास एवं निदेशक अनुंसंधान शोध डा0 जे0 पी0 सिंह द्वारा कृषको को मूगँफली उत्पादन की तकनीकी जानकारी प्राप्त करने एवं गर्मी के धान के विकल्प के रुप में उगाने के लिये मार्ग दर्शन किया गया। इस अवसर पर डा0 सी0 तिवारी ने कृषकों को उत्पादन तकनीकी एवं अर्थिकी से अवगत कराया।

    दि0 9.6.16 को ग्राम आन्नदखेडा-1 एवं 20.6.16 को ग्राम ढाकी में ट्राइबल सब प्लान योजना के अन्र्तगत कृषि यंत्र फावडा, खुरपी, इत्यादि का विवरण कर कृषको को उपयोग करने हेतु जानकारी दी।


    जुलाई, 2016 से सितम्बर, 2016

  • केन्द्र पर त्रैमास में केन्द्र एवं केन्द्र के बाहर कुल 12 प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 303 प्रशिक्षणार्थीयों ने प्रतिभाग किया। मत्स्य प्रसंस्करण, खाद्य पदार्थ के सुरक्षित भण्डारण एवं मूल्यवर्धन, विस्कुट/केक बनाना, महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल, स्वच्छता का महत्व, हल्दी प्रसंस्करण, सोयाबीन प्रसंस्करण, मछली बीज परिवहन तकनीकी, धान में खरपतवार नियंत्रण, बासमती धान, फ्राई एवं फीन्गललिंगस से परिचय खाद्य पदार्थ के मूल्यवर्धन विषय पर आयोजित किये गए।
  • जनपद के विभिन्न ग्रामों के सस्य विज्ञान मत्स्य पालन, उद्याान एवं गृह विज्ञान की नवीनतम तकनीकियों पर 4ण्7 है0 कृषक प्रक्षेत्र पर 51 अग्रिम पक्ति प्रदर्शन लगाए गए। सााथ ही 15 कृषक प्रक्षत्रों पर मत्स्य सम्बन्घि एवं पौष्टिक आटे के द्वारा महिलाओं के पोषण स्तर मे सुधार हेतु कृषक प्रक्षेत्र पर परीक्षण आयोजित किये गये।
  • कृषि विज्ञान केन्द्र, काशीपुर के प्रभारी अधिकारी डा0 सी0 तिवारी द्वारा छ।त्ड हैदराबाद द्वारा आयोजित दि0 25.9.16 से 3.9.16 तक आ0सी0टी0 ।चचसपबंजपवद वित ।हतपबनसजनतम म्गजमदेपवद एवं दि0 8.9.16 को अटारी कानपुर पर दलहन फसलों की रिवियू मिटिंग में प्रतिभाग किया गया। केन्द्र के मत्स्य वैज्ञानिक डा0 एस0 के0 शर्मा द्वारा एक्टैन्शन मैथोडिलाजी फार फिशरीज पर्सनैलस विषय पर दि0ं 27-30 जुलाई एवं प्रतिभा सिंह (गृह विज्ञान वि0व0वि0) के द्वारा वोमन इम्पावतमेन्ट एवं जेन्डर सेन्सेटाइजेशन विषय पर दि0 12-15 जुलाई, 2016 तक इ0ई0आई निलोखेड़ी द्वारा आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग किया गया। श्री सतीश कुमार द्वारा 20-23, 2016 तक सफलता की कहानी लिखने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम में ब्ैॅब्त्ज्प्ए क्मीतंकनद में प्रतिभाग किया गया।
  • केन्द्र के मत्स्य वैज्ञनिक डा0 एस0 के0 शर्मा को यंग साइनटिस्ट पुरस्कार से ळन्।त्क् ैवबपमजल एर्वं डक् मकनबंजपवदंस ेवबपमजल ज्म्स्।छळ।छ। द्वारा सम्मानित किया गया।
  • केन्द्र द्वारा संचालित किये जा रहे प्रसार कार्यक्रमों के अन्र्तगत 68 प्रक्षेत्र भ्रमण कर 416 किसानों की सम्स्याओं का समाधान किया गया एवं व्यवहारिक तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।
  • केन्द्र द्वारा 01 शोध पत्र एवं 12 अखबार की खबरें प्रकाशित की गई एवं 02 वैज्ञानिको की वार्ता रिकारर्डिगं डी. डी. किसान, नर्द दिल्ली द्वारा की गई।

  • अक्टूबर, 2016 से दिसम्बर, 2016

  • कृषि विज्ञान केन्द्र, काशीपुर द्वारा त्रैमास में केन्द्र पर एवं कंन्द्र के बाहर कुल चार प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया मया। जिसमें 103 प्रशिक्षणार्थीयों ने प्रतिभाग किया। सोया आधारित प्रदार्थ, स्वच्छता का महत्व, पोषण वाटिका का रखरखाव, मक्का का प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किये गए।
  • जनपद के अंगीकृत एवं अन्य ग्रामों में दलहनी फसलों के कुल 126 प्रदर्शनों का आयोजन 26 है क्षेत्रफल के किया गया जिसमें मसूर की पी0 एल0 8 एवं चने की पी. जी0 186 प्रजाति के प्रदर्शनों का आयोजन किया गया।
  • मत्स्य पालन, उद्यान एवं गृह विज्ञान की नवीनतम तकनीकों पर 47 प्रदर्शनों का आयोजन 5.3 है क्षत्रफल में किया गया। अग्रिम पंक्ति प्रदर्शनों के माध्यम से सब्जी मटर की उन्नत प्रजाति काशी उदय के विषय में कृषको को आवश्यक कार्य करने हेतु जानकारी प्रदान करते है एवं उनकी समस्याओं का निराकरण भी किया जा रहा है।
  • केन्द्र द्वारा संचालित किये जा रहे प्रसार कार्यक्रमों के अन्र्तगत 71 प्रक्षेत्र भ्रमण कर 367 किसानो को व्यवहारिक तकनीकी जानकारी प्रदान की गई। 81 किसान गोष्ठियों में प्रतिभाग कर 3139 किसानों को लाभान्वित किया गया एवं डायग्नोस्टिक विजिट कर किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया।
  • केन्द्र द्वारा 01 शोध पत्र, 01 पापुलर लेख एवं 3 बार केन्द्र की गतिविधियों विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई।
  • पन्तनगर विश्वविद्यालय में दि0 16-17 दिसम्बर संगोष्ठी आधुनिक कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिक के समगतिशील विकास पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव विषय पर आयोजित हुई । संगोष्ठी में केन्द्र के वैज्ञानिको द्वारा दो शोध साराशं (एकीकृत मत्स्यपालन: आर्थिक उन्नयन का साधन एवं खद्या एवं पोषण जागरुकता) तैयार कर प्रस्तुतिकरण किया गया।
  • केन्द्र द्वारा जय जवान जय किसान दिवस 27-29 दिसम्बर, 2016 तक विभिन्न ग्रा्रमों- औदली, बहमनगर, एवं वीरपुरतारा में मनाया गया जिसमें 110 कृषकों ने प्रतिभाग किया।
  • केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा दि0 17-20 अक्टूबर, 2016 तक आयोजित किसान मेले में पन्तनगर में प्रतिभाग किया गया एवं तकनीकी प्रदर्शन स्टाल के माध्यम से किया गया। ग्राम औदली की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के मार्गदर्शन में मूल्यवर्द्धित पदार्थ हल्दी के पैकेट प्रदर्शित किये गये। दि0 5 दिसम्बर, 2016 को मृदा स्वास्थ दिवस जनपद स्तरीय कार्यक्रम में प्रतिभाग कर कृषको के बीच में जागरुकता बढ़ाई गई।

  • Research Paper / Abstracts

    1. Prem Kumar & S.K.Sharma. Identifying socio-economic features of fish farmers An international journal of agro economist, vol 2, No.1, 29-34,june 2015.
    2. Pratibha singh, C. Tiwari D.S.Singh, S.K.Sharma.2016. Improvement of nutirional status of farm women through nutrition garden in Technical compendium National conference on Hill Agriculture in perspective, 26-28 February, 2016 Pg 670-671.
    3. Pratibha singh, C. Tiwari, Anupama Padey, and D. Sharma. Use of revolving stool for drudgery reduction while milking dairy animals. in Technical compendium National conference on Hill Agriculture in perspective, 26-28 February, 2016 Pg 537.
    4. S. K. Sharma, N. C. Ujjamia, C. Tiwari & Pratibha Singh.2016. Effect of probiotics(Lactobacillus sporogeges) in fish production in Technical compendium National conference on Hill Agriculture in perspective, 26-28 February, 2016 Pg 792-793.
    5. S. K. Sharma, G. C. Nainwal, 2016. Integrated fish-cum-poultry-cum-horticulture farming system: An approach to uplift socio- economic status of fish farmer, Progressive Research an International Jounal.
    6. S. K. Sharma, 2016. Feed management through probiotics (lacto bacillus sporogenes) in fish culture, Progressive Research an International Jounal, Vol.
    7. एकीकृत मत्स्यपालनः अर्थिक उन्नयन का साधन, राष्ट्रीय संगोष्ठी आधुनिक कृषि विज्ञान एवं प्रोद्योगिक के समगतिशील विकास पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, 16-17 दिसम्बर, 2016, पृष्ठ 43
    8. खाद एवं पोषण सुरक्षा हेतु ग्रामीण महिलाओं के बीच में पोषण जागरुकता, राष्ट्रीय संगोष्ठी आधुनिक कृषि विज्ञान एवं प्रोद्योगिक के समगतिशील विकास पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, 16-17 दिसम्बर, 2016, पृष्ठ 44-45
    9. Pratibha Singh, Kalpna Kulshrestha, B.K.Kumbhar and Sudhir Kumar, 2016. Study on glycaemic indices of carrot enriched food products Progressive Horticulture Vol 48 no, June 16 pg 111 to 114.
    10. S. K. Sharma (2016) Feed management through probiotices (lactobacillus sporogenes) in fish culture Vol no-11 issue no (1) 2016, Progressive research : An International Journal.
    11. S. K. Sharma 2016 Integrated fish cum poultry-cum horticulture system : An approach to uplift the socio economic status of fish farmers vol no 11 issue no (1) progressive research An internation journal.
    12. Pratibha Singh, Anupama Pandey, C.Tiwari and D.Sharma 2016. Motivation of farm women towards nutritional garden and post harvest management of their surplus produce accepted for Juornal of Rural Development Vol 35 No (4) PP-677-688.

    Awards

    Dr. S.K.Sharma, SMS (Fisheries) received young scientist Awards in the field of fisheries science from GUARD society and ZMD educational society, TELANGANA.

    Seminar / Workshop / Conference / Training Courses Attended

    S.N. Subject Date & Duration Organizing body
    1 Women empowerment and gender sensitization 12.7.16 to 15.7.16 (4 days) EEI, Nelokhari
    2 Quality empowerment in production of Basmati rice for export 13.7.16 KVK, Kashipur
    3 Training on write shop for success stories 30.6.16 to 23.6.16 ICAR, IISWC, Dehradun
    4 Training 8.7.16 ATARI, Kanpur
    5 Extension methodology for fisheries personnels 27-30 July Ext. training institute, Nilokheri, Haryana
    6 SAC Meeting 27.7.16 KVK Kashipur
    7 ICAR short course on ICT Application for Ag. Ext. 25.9.16 to 3.9.16 NARAM Hyderabad
    8 Reviw meeting of Pulses 8.9.16 ATARI, Kanpur
    9 Zonal workshop at IISR Lucknow 26-28 May, 2016 ATARI, Kanpur

    ARS Scientist Training

    Field Experience Training held at KVK w.e.f. 8-28 February, 2016

    Six Scientist (FET) in village Bannakhera


    OTHER PAST ACTIVITIES

    New initiative by KVK : Ground nut Cultivation creating new avenues for farmers

    Groundnut (Arachis hypogaea) commonly known as peanut is widely grown as an oilseed crop. In the existing cropping pattern farmers are practicing the cultivation of

    Rice Vegetable Pea S. Rice
    Rice Wheat Rice
    Rice Vegetable Pea Sugarcane ratoon S. Rice

    Current crop cultivation practices in rice-wheat systems degrade the soil and water resources thereby threatening the sustainability of the system & encourage inappropriate land and input uses. It can be concluded that large scope exist to improve groundnut production and consumption for food uses in rural areas of district U.S.Nagar of Uttarakhand. Groundnut contributes importantly to household food and nutritional security. After harvesting of rabi crop, introduction of short duration legumes in summer may contribute to higher yields of kharif rice as the residues of leguminous crop decompose quickly and releases nutrients. Groundnut cultivation promotes soil health, reduces fertilizer requirement, low input and short duration crop. Finally, the technologies should find its way to the farmers fields, which is the ultimate goal of our endeavours.

    Parameter Groundnut (TG37A) S.Rice
    Yield (q/ha) 35 82
    Cost of Cultivation (Rs/ha) 21,000 40,000
    Gross Return (Rs/ha) 88,500 85,000
    Net Return (Rs/ha)


    Health Camp organized by KVK, Kashipur for the celebration of nutrition week

    A nutrition week was organized in different blocks of district U.S.Nagar from 1-6 September, 2014 in which scientific interaction was held to enhance the knowledge of farm women towards low cost nutritious food products. Various value added soy products such as soy milk, soy namkeen, soy halwa, soy salad, soy paneer etc were method demonstrated and exhibited to popularize the nutritious food item among women. Technical literature related to dehydration of green leaves, storage techniques and recipes etc were provided to them. Health status of the farm women was assessed through BMI and MUAC.



    Exposure visit organized by KVK Kashipur

    Three days exposure visit to Karnal was organized by KVK, Kashipur from 21-23 Feb, 2015. Two subject Matter Specialist along with 20 farmer from various villages such as Dhaki, Banskhedi, Brahmnagar, Harinagar, shanitipuri, sitarganj, Panderi etc. of Udham Singh Nagar Uttarakhand visited Institution in the field of Agriculture & Animal Husbandry at Karnal, CSSRI, SBI, DWR & NDRI. These were visited to enhance the performance level & better management of Agricultural system. As a component of capacity building exposure visit has act as an important intervention to improve farmers competencies and increase in productivity with a purpose to accurate the rate of agricultural development.



    Participation in Kisan Mela

    Krishi Vigyan Kendra, Kashipur participated in farmers fair organized by GBPUAT, Pantnagar (October, 2014 and March, 2015) and a three days kisan mela was organized by Danik Jagran at Rudrapur from 22-24 February, 2015 inaugurated by the Hon’ble Chief Minister Shri Harish Rawat, Uttarakhand State. Krishi Vigyan Kendra, Kashipur had put up stall and exhibited latest technologies and advancement talking place in the field agriculture and allied sector for wider dissemination of technology. Such as use of revolving stool for milking to reduce drudgery among farm women and crop production techniques in pulse crop and cereal crops. Awareness was also created on cultivation of groundnut during summer season in place of summer rice. District Magistrate and Chief Development Officer, Rudrapur visiting the stall during fair.

    MINIMAL PROCESSING UNIT

    Krishi Vigyan Kendra, Kashipur under the concept of minimal processing unit is organizing trainings and providing technical information and guidance to rural women on processing and packing of spices,preservation techniques, bakery related etc. Processing of spices at domestic level is attracting women and they are feeling motivated to start this as home based enterprise. Under the minimal processing unit, established at Krishi Vigyan Kendra (KVK) funded by ICAR, women are being trained and given method demonstration on grinding through grinding machine and finally packing them. They are being trained and encouraged for processing of turmeric (haldi) and coriander through grinding machine, technical knowledge on packaging and information on marketing of the same is also provided. KVK has conducted several training programmes on processing of haldi and coriander, biscuit/ cake making, processing and preservation techniques etc in which rural women have participated and gained technical know how. Field visits were also made for awareness generation among women on processing of spices for income generation. Following items/ equipments have been procured under minimal processing unit.



    During the year 2015-16 and 2016-17 Krishi Vigyan Kendra, Kashipur has selected tribal village Audhli, Sitarganj block for carrying out extension activities. In this village, detailed survey of the village revealed that tribal farm women of this village grow turmeric and they do no-get the optimum price of the same. Scientist have also conducted field visit which created awareness among women on processing of turmeric for income generation. They have been guided on cultivation aspect of turmeric production to enhance the yield. In this context, two farm women namely Sunita Devi and Rajnandni contacted Dr. Pratibha Singh, SMS, Home Science and gained technical information on processing of turmeric. This technique attracted these women and then they started processing of turmeric as an income generation enterprise at village level. Thereafter, these farm women processed and preparaed 5Q turmeric packets in 250 g, 500 g and 1 kg pack size for sale purpose. Their group has exhibited turmeric packets and these packets were launched by the Hon’ble Governor K.K.Paul, Uttarakhand during 100th All India Farmers Fair at GBPUA&T, Pantnagar during 17 th to 20th October, 2016. This resulted in monetary benefit and popularization of the turmeric packets prepared by the farm women of Audhli Village. This entrepreneurial activity helped in

  • Upliftment of economic status
  • Effective market linkages feasible to run enterprise
  • Employment generation for group members
  • Development of role model for others
  • Glimpses of activities



    Extension Programmes

  • Field day
  • Celebration of important days
  • Method Demonstration
  • Fasal Bima Yojna
  • Publication (research Paper)
  • Dignostic/Advisory Services
  • Field visit
  • Kisan gosthi
  • Farmers visit to KVK
  • New Paper
  • Scientists' visit to farmers field
  • Lecture
  • Film show
  • Farmers workshop (Basmati)
  • TV talk
  • Ext. Litrature
  • Film Show